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Abhinav Pancholi

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Abhinav Pancholi

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क्या मैं फूलझाड़ू हूँ ?

क्या मैं फूलझाड़ू हूँ ?

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घर के कोने में खड़ा हुआ ,

पर्दे के पीछे छुपा हुआ ,

कोई बाहर का आकर रोज़ मुझे पकड़ता है,

ज़मीन पर ज़ोर-ज़ोर से रगड़ता है,

सूखी धूल को उसके ससुराल से उठा लाता हूँ,

मैं मोदी जी का सेवक, रोज़ सफाई करवाता हूँ ।


किसी अपने ने मुझे कभी हाथ से छुआ नहीं ,

कभी इश्क़ में फ़ना होकर गीला हुआ नहीं ,

हर कोई मुझे पानी (इश्क़) से दूर रखता है ,

फिर मुझे अपनी जगह पर रखकर हाथ क्यों धोता है ,

कहाँ है फूल,कैसे मैं फूलझाड़ू हुआ ?

कोई भी क्यूँ न मुझसे मोहब्बत पे उतारू हुआ ?


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