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Niteesh Joshi

Others Inspirational

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Niteesh Joshi

Others Inspirational

क्या काफी है?

क्या काफी है?

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एक फकीर भूखा मर गया तेरे आगे, 

बस अपना ही पेट भरना क्या काफी है।

तड़पते हैं लब, हर एक पल खुशी को, 

रुपियों से जेबें भरना क्या काफी है।

हर एक पल साथ गुज़ारा उनके, साँप सा रेंगता है तस्सवुर बनकर, 

उनकी तसवीर भरी एल्बम जलाना क्या काफी है।

हर एक करी गलती की अफसोसी, सफर करती है खून बनकर रगों मे, 

रोज सुबह शरीर को तहजीब से साफ करना क्या काफी है।

दिल में एक घाव है, एक दरिया है शबनम का, 

गालिब कि शेर सुन दो आँसू बहाना क्या काफी है।

जब जान थी तो जले नहीं इस्तियाक कि अग्नी में, 

अब इस मुर्दा ढांचे को जलाना क्या काफी है।

वो रिश्ता तो अब रहा ही नहीं जो था बिछड़ने से पहले, 

मिलकर, एक दूसरे को देख मुसकुराना क्या काफी है।

मुहब्बत ही नहीं खुदा से तो ये बन्दगी कैसी, 

हर दिन मस्जिद जाकर, सर झुकाना क्या काफी है।


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