कोई तुमसे पूछे
कोई तुमसे पूछे
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कौन हूँ मैं? तुम कह देना
कोई खास नहीं... एक दोस्त है
पक्का कच्चा सा,
एक झूठ है आधा सच्चा सा,
जज़्बात से ढका
एक पर्दा है, एक बहाना
कोई अच्छा सा !
जीवन का ऐसा
साथी है जो,
पास होकर भी
पास नहीं!
कोई तुमसे पूछे
कौन हूँ मैं?
तुम कह देना कोई खास नहीं ...
एक साथी जो
अनकही सी,
कुछ बातें
कह जाता है।
यादों में जिसका
धुंधला सा
एक चेहरा ही
रह जाता है।
यूं तो उसके
ना होने का
मुझको कोई
गम नहीं,
पर कभी-कभी
वो आँखों से,
आंसू बनके
बह जाता है।
यूं रहता तो
मेरे ज़हन में है,
पर नज़रों को
उसकी तलाश नहीं।
