Abhijit Tripathi
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जब तक रहे प्राण इस तन में जीवन रहे राष्ट्र रंग रंगा
भले बूंद दो बूंद मिले पर होंठों पर हो निर्मल गंगा
कुछ पाने खोने की आस नहीं, शेष नहीं कोई भी प्यास
एक यही बस दिल की ख्वाहिश मरने पर मिले कफन तिरंगा।
रक्तबीज कोरोन...
आखिर में हम ज...
आया है फिर से...
क्या
तेरे साथ जीना...
गर तू मेरा नह...
तुझे मांग लेत...
मेरे ना होने ...