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Deepmala Pandey

Others

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Deepmala Pandey

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खुद पसंद

खुद पसंद

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मैं स्वयं पर लिखती हूं

मैं मेरी खुद पसंद व्यथा कहती हूं,

मैं सशक्त हूं और

मुझे मेरे संस्कारों से प्रेम है,

बोझ नहीं मै इनको समझती हूं

मैं आधुनिकता में जीती हूं,

पर शादी ब्याह तीज त्यौहार में

सोलह सिंगार भी करती हूं,

पाश्चात्य परिधानों को अपनाती हूं

पर मैं......

साड़ी में लिपटी खूबसूरती की 

गरिमा को भी पहचानती हूं,

मैं शिक्षित हूं इसलिए

अपने बच्चों को भी

शिक्षा में सही राह दिखाने का

नियमित प्रयास करती हूं,

मुझे खुद पसंद है प्रथाएं

लेकिन कुप्रथाओं का विरोध करती हूं,

मेरे सिर पर बड़ों का हाथ है

और उनका आशीर्वाद है

उनके सम्मान के लिए

हल्का सा आंचल डाल लेती हूं,

अस्तित्व अपना जानती हूं

और मैं.....

नारी की यही पहचान मानती हूं।



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