खतरे में पत्रकारिता
खतरे में पत्रकारिता
खतरे में है सच्ची पत्रकारिता, कहीं टीआरपी व
कहीं खबरों में बने रहने के लिए है पत्रकारिता,
कहीं कहीं पर पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे है होते,
कहीं कहीं पर राजनीति पक्षपात का आरोप झेलती
पत्रकारिता,
कहीं कहीं पर किसी के पक्ष का आरोप है होता,
कहीं कहीं पर विपक्ष में होने का आरोप झेलती
पत्रकारिता,
कहीं कहीं पर किसी किसी को ज्यादा समय देने का
आरोप है होता,
कहीं कहीं पर जान जोखिम में डालती पत्रकारिता,
कहीं कहीं पर पत्रकारों की जान भी है जाती,
कहीं कहीं पर प्रताड़ना का आरोप झेलती
पत्रकारिता,
पत्रकारों को बड़ी विषम परिस्थिति में कार्य करना है
होता,
सच्चे समाचारों के लिए आसान नहीं है पत्रकारिता,
पत्रकार सच्ची खबरों के लिए जान भी कुर्बान कर है देते,
पत्रकारों को अच्छा पारिश्रमिक नहीं है देती पत्रकारिता,
खतरे में है सच्ची पत्रकारिता, कहीं टीआरपी व
कहीं खबरों में बने रहने के लिए है पत्रकारिता,
