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Sakharam Aachrekar

Others

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Sakharam Aachrekar

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खोयी हुई जिंदगी

खोयी हुई जिंदगी

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आज समझा मुझे जिंदगी में, बहुत कुछ करना रह गया

तेरे लिये जीते जीते, अपने लिये जीना रह गया

दुनिया देख रही थी मेरी तरफ, मुझे पता ही नहीं चला

के तेरी तरफ देखते देखते, दुनिया की ओर देखना ही रह गया।


आनंद लिया तेरे लिये, तेरे सारे सुखों का

हँसता रहा तेरे लिये, कुछ अपने लिये हंसना रह गया

तेरी हर अदा पे, लिख रहा था इतना

ढल गई जिंदगी मेरी, अपनी जिंदगी पर लिखना रह गया।


मीठी तेरी यादों मे, तनहाई में भीगा किया

खुले दिल से बरसात में, एक बार भीगना रह गया

इस कदर जिया, तेरे सारे सपने में

एक बार अपने लिए, सपना देखना ही रह गया।


जिंदगी बिता दी, सिर्फ तुझे अपनाने में

बह गए कुछ लम्हे, उन्हें अपनाना रह गया

यादों के तेरे धुंए में , खो गया मैं इस कदर

के खोई हुई मेरी जिंदगी को, ढ़ूंढना ही रह गया।


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