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Jaydeep Vegda

Others

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Jaydeep Vegda

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खामोशी

खामोशी

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तेरी सन्नाटे में बसी वो खामोशी,

जो एक दिन मुझे निगल जाएगी,


इतना गौर से अगर तू देखेगी मुझे,

ये पत्थर आंखें भी पिघल जाएगी,


तू जा ही रही है तो एक बात बता,

तेरी यादें मेरे बगैर किधर जाएगी,


तेरी उंगली पकड़कर चलती थी सांसे मेरी,

तेरे जाने के बाद ये फिसल जाएगी,


तुझे पाने से पहले ये डर सताता है,

तू एक दिन मुझसे बिछड़ जाएगी।



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