STORYMIRROR

ADITYA MISHRA

Others

3  

ADITYA MISHRA

Others

Journey of लाइफ

Journey of लाइफ

1 min
213

पूछा जो मैंने एक दिन खुदा से, 

अंदर मेरे ये कैसा शोर है, 

हंसा मुझ पर फिर बोला, 

चाहतें तेरी कुछ और थी, 

पर तेरा रास्ता कुछ और है, 

रूह को संभालना था तुझे, 

पर सूरत सँवारने पर तेरा जोर है, 

खुला आसमान, चांद, तारे चाहत है तेरी, 

पर बन्द दीवारों को सजाने पर तेरा जोर है, 

सपने देखता है खुली फिजाओं के, 

पर बड़े शहरों में बसने की कोशिश पुरजोर है


Rate this content
Log in