जगत जननी
जगत जननी
1 min
482
सती चण्डी जगत जननी, महादेवी उमा गौरी,
भवानी मात जगदम्बा, महाकाली महागौरी।
भरो माँ रंग जीवन में, प्रियम की चाह है इतनी-
तुम्हारा हाथ हो सर पे, सदा आशीष माँ गौरी।
भरो माँ रंग जीवन में, समर्पण भाव भक्ति माँ,
करूँ पूजा सदा तेरी, भवानी आदि शक्ति माँ।
नहीं कोई बड़ी हसरत, नहीं है चाह दौलत की-
तुम्हारा प्रेम मिल जाये, बता वो खास युक्ति माँ।
