Anonymous User
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गैरों की बस्ती में रहना पड़ा, नहीं रहा अपनो का कोई सहारा
बस कर अब तू बेवजह आँसू बहाना, क्योंकि जब पास रहकर
नहीं पड़ा तो दूर रहकर कौन सा फ़र्क था पड़ जाना।
धोखा
एक "साथ" की उ...
शिकायतें
जब अपने ही हु...