इश्क
इश्क
इश्क जो तुमको मेरी जान हो जाये,
बेचैनी में भी इत्मीनान हो जाये।
निसार हूँ सब कुरबान है बस,
उनको मेरे इश्क का गुमान हो जाये।
मेरा सब कुछ है तेरे ही दरमियां,
धरती तू ही आसमान हो जाये।
खिलखिला उठता है इश्क मेरा,
लबों पे जो उनके मुस्कान आ जाये।
इश्क जो तुमको मेरी जान हो जाये,
बेचैनी में भी इत्मीनान हो जाये।
निसार हूँ सब कुरबान है बस,
उनको मेरे इश्क का गुमान हो जाये।
दर्द हँसते हैं गम भी नाचते हैं,
मुझको जो तेरा इक, ख्वाब आ जाये
सिद्दत है कि सब कुछ वार दूं,
दिलों में मुहब्बत बेहिसाब आ जाये।
इश्क जो तुमको मेरी जान हो जाये,
बेचैनी में भी इत्मीनान हो जाये।
निसार हूँ सब कुरबान है बस,
उनको मेरे इश्क का गुमान हो जाये।
मेरा हुजूर और गुरूर भी तू,
इश्क ही मेरा भगवान हो जाये।
फकर हो उसको भी रब को भी
आशिकों में मेरा भी नाम हो जाये।
इश्क जो तुमको मेरी जान हो जाये,
बेचैनी में भी इत्मीनान हो जाये।
निसार हूँ सब कुरबान है बस,
उनको मेरे इश्क का गुमान हो जाये।