हिसाब
हिसाब
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उस हर बात का हिसाब तैयार रखा है,
बस बात याद आ जाए तो हिसाब तेरे सामने रख दूं।
याद ही तो नहीं आती तेरी वो बातें,
जिनका हिसाब तेरे जिम्मे रखा है
बस याद है कि तुमने कुछ कहा था
मैने कुछ सुना था, बस सुना था।
कुछ कफ़न याद है, कुछ टूटे सपने और कुछ टूटे वादे
ओर कुछ टूटा हुआ सहज।
