हे मतदाता! (सारछंदाधारित)
हे मतदाता! (सारछंदाधारित)
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प्यारो दाता हे मतदाता, लोकतंत्र पनपाता,
चुन-चुन कर न्यारो जननेता, जनहित में जितवाता।
भोलो-भालो जो मतदाता, पैसन सें बिक जाता,
दारू, गुण्डन सें दब जाता, ऐंठन से घबराता।
सोवे वारो हो मतदाता, खोवे पे पछताता,
अधिकारन खों ही छिनवाता, मूरख ही कहलाता।
रोवे वारो जो मतदाता, हर द्वार गिड़गिड़ाता,
मतलब काजें रंग बदलता, गिरगिट सा बन जाता।
जगवे वारो हो मतदाता, बालिगन खों जगाता,
डरवावे खों मत उन सबके, भले संग ले जाता।
