हाँ मैंने गलती की है
हाँ मैंने गलती की है
हाँ मैंने गलती की है, हाँ मैंने बहुत गलतियां की है!
पर इन गलतियों से मैंने बहुत बड़ी सीख ली है॥
हाँ मैंने गलती की है।
मेरी इन अपार गलतियों में दुनिया और समाज की
एक अद्भुत तस्वीर दिखाई दी है!
इन गलतियों से मुझे स्वार्थ की धुन समझ आई है ॥
हाँ मैंने गलती की है।
अंधकार रास्तों पर भौतिक सुख की लौ भी जलाई है!
सिर्फ झूठी शान हाथ लगा इन सुखों में,
सब खत्म होने के बाद ये बात समझ आई है ॥
हाँ मैंने गलती की हैं।
स्वार्थ की मित्रता को हृदय से गले लगायी है!
वक्त बदला तो मित्रता की वास्तविक छवि नजर आई है ॥
हाँ मैंने गलती की है।
इंसान महान होता है यहाँ अपने कर्मों के अनुसार,
ये सोच मेरे मस्तिष्क में एक लंबे आराम के बाद आई है!
नहीं चाहता हूँ मैं उन पलों को याद करूँ
क्यूँकि अब मेरी आँख भर आई है ॥
हाँ मैंने गलती की है।
सींच रहा हूँ खुद को फिर से क्यूँकि इंसान की
क्षमता कि समझ अब मुझे आई है!
हां मैंने गलती की है, हाँ मैंने बहुत गलतियां की है ॥
सतर्क रहें स्वस्थ रहें