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PANKAJ DUBEY

Others

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PANKAJ DUBEY

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गंगा मुक्ती

गंगा मुक्ती

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एक बार हमने भी हरिद्वार जाने कि सोची 

वहाँ जाकर गंगा नहाने कि सोची 

हर हर गंगे का नाम लेकर हम चले 

भाई बंद रिश्तेदार हमको रास्ते में आ मिले 

हम हरिद्वार पहुँचे रेलवे के खाते धक्के 

वहाँ कि भीड़ देख हो गये भौचक्के

वैसे तो गंगा नदी से हमारा पुराना नाता है 

हर कोई मरने के बाद इसमें मिल जाता है 

तभी एक भाई हमारे पास आये और 

धीरे से हमारे कान में फुसफुसाए 

गंगा का पानी पीना तो दूर अब नहाने लायक 

भी नहीं बचा 


इसमें मिलते कचरे और प्रदूषण का असर 

अब साफ दिख रहा 

वैसे तो गंगा की सफाई की योजना और समितियां 

तो रोज़ बनती है 

पर गंगा जस की तस मैली ही रहती है 

इसलिए गंगा में नहाने से बचिये 

और गंगा बचाओ अभियान से जुड़िये 

गंगा दर्शनआर्थ मुक्ती यह सोचकर हम 

मुड़ गये 

और हज़ार रूपये देकर गंगा बचाओ अभियान से 

जुड़ गये 

गंगा जब साफ हो जाएगी तब हम 

वापस आएंगे 

वरना मरने के बाद इसमें समाँ जायेंगे 

                      


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