गजल
गजल
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तहरो अदा गजबे फसाना हो गइल।
ई पागला तहरो दिवाना हो गइल।।
चमक दमक अइसन तहरे बाटे सनम,
तहरा पर फिदा ई जमाना हो गइल।।
गीत गजलो पगलाइले बा सनम जी,
मीटर बहर तहरे खजाना हो गइल।।
सावन बईसाखों भइल बा पगला,
अब सरदियों तहर परवाना हो गइल।।
बेकार में बरबाद हो गइलें 'गगन',
सब सपनवा हमरों सयाना हो गइल।।
