माटी की मूरत नहीं, ममता की जरूरत हूं मैं घबराती नहीं, बस यूंही चुप रह जाती हूं मैं। माटी की मूरत नहीं, ममता की जरूरत हूं मैं घबराती नहीं, बस यूंही चुप रह जाती हू...