शाम होते ही बैठ जाते थे सभी चौपाल पर, उस वक़्त का वो ज़माना अच्छा लगता था। शाम होते ही बैठ जाते थे सभी चौपाल पर, उस वक़्त का वो ज़माना अच्छा लगता था।