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Akhilesh Sharma

Others

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Akhilesh Sharma

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एक त्रिवेणी

एक त्रिवेणी

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आंगन में लगे गुलमोहर के पेड़ पर इक चिड़िया आ बैठी है, 

उसी पेड़ के इक पत्ते से मुझ पर एक ओस की बूंद आ गिरी है, 

ज़रा चहचहा कर, आंखें नम कर, तुम्हारी याद फिर उड़ गयी है।



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