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Mansi Desai

Others

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Mansi Desai

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दोस्त

दोस्त

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बहुत से हसीन लम्हे है,

आज उन्हें याद किया तो बहुत कुछ याद आया है.


मुड़े थे जिस रास्ते से,

आज वही पे मुकाम नज़र आया है.


कितनी गलियों से गुज़रते थे,

वहीं से तो जीवन यहाँ लाया है.


वो खुशियां ही सच्ची थी,

इसीलिए आज दिल, दिल खोलकर मुस्कराया है.


अबतो अक्सर बहाने बनाते हैं ,

खुदसे ह जूठ बोलकर दिलको फुसलाते हैं ,

वक्त इसीलिए कम है शायद,

क्योंकि ये वक्त ही तो दूरियां लाया है.


वैसे छूट तो बहुत कुछ गया है,

पर सिर्फ दोस्त ही है,

जो दूर होके भी यहाँ तक साथ आया है.


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