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Vimla Jain

Others

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Vimla Jain

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दो परियां

दो परियां

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कौन कहता है कि परियां सिर्फ़ परी लोक में होती हैं

हर मां बाप के लिए उनकी प्यारी बेटियां सुंदर परियां होती हैं।

मेरे घर भी आई एक नन्ही परी साथ में लाई खुशियां हजार

आंखों में सपने लिए साथ में लिए एक प्यारी सी मुस्कान

इतनी प्यारी इतनी मनमोहक थी उसकी मुस्कान ।

थकान हो जाती है उसको देखकर दूर।

समय बीता नन्ही परी अब दीदी परी बन गई।

अब वह जगत दीदी थी, दीदी परी के लिए तो नन्ही परी एक खिलौना थी ।

जैसे-जैसे परियां बड़ी हुई दोनों परियों की दोस्ती और स्नेह बढ़ता ही गया

हमेशा बरकरार रहा ,आज भी बरकरार है

मेरी नन्ही परियों ने बड़े होकर पूरे जग को महकाया है। 

मेरे घर को और गुलशन को गुलजार बनाया है ।



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