यह कविता इंसान के आज की परिस्तिथि को दर्शाती है। इंसान आज बस दौड़ लगाए जा रहा है। पैसे कमाने की दौड़, ... यह कविता इंसान के आज की परिस्तिथि को दर्शाती है। इंसान आज बस दौड़ लगाए जा रहा है।...