चलते रहो
चलते रहो
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कंकड़ हज़ार मिलेंगे रस्ते पर,
चलना छोड़ तो न दोगे,
धोखे तो मिलेंगे ही मोहब्बत में,
दिल लगाना छोड़ तो न दोगे,
भरोसा मुकम्मल किसी का,
हो नहीं सकता, न मुमकिन है,
पर भरोसा भी ज़रूरी है,
करना छोड़ तो न दोगे,
मौत का आना भी,
पक्का है, ये तो तय है,
इसी डर से हँसी-ख़ुशी,
जीना छोड़ तो न दोगे,
बहुत कुछ ऐसा है,
जो होना है, और होगा भी,
इन्हीं बातों की हकीकत पर,
तुम अपना रास्ता बदल तो न दोगे।।