STORYMIRROR

Israram Panwar

Others

2  

Israram Panwar

Others

बसंत की चाह

बसंत की चाह

1 min
231

हर शख्स को है

बसंत की चाह

जिंदगी की राह में

बसंत बहार ही रहे

पर ऐसी ही तमन्ना है

तो फिर

पतझड़ भी तो

आने दो


मोह ,लोभ, लालच

ईर्ष्या, कपट,को

झड़ जाने दो

पतझड़ के बाद ही तो

कोमल कोंपले फूटेगी

आनंद के फूल

खिलेंगे

बयार भी

सुखद होगी

जिंदगी खुद-ब-खुद

आनंदित होगी



Rate this content
Log in