और बदहाली में चुनाव है नेताजी! क्या फिर से आपकी ही सरकार है ? और बदहाली में चुनाव है नेताजी! क्या फिर से आपकी ही सरकार है ?
बिहार चुनाव के कीड़ों की भूख इतनी बढ़ चुकी थी,जातिवाद की फसल इतनी विकसित हो चुकी कि, अब कवियों की जाति... बिहार चुनाव के कीड़ों की भूख इतनी बढ़ चुकी थी,जातिवाद की फसल इतनी विकसित हो चुकी क...