उस छिद्र से ब्रह्माण्ड के बाहर को निकली थी फिर जल की धारा। उस छिद्र से ब्रह्माण्ड के बाहर को निकली थी फिर जल की धारा।
विभूतिओं का संक्षिप्त वर्णन है विस्तार करो इसका जन जन में। विभूतिओं का संक्षिप्त वर्णन है विस्तार करो इसका जन जन में।