बदलते वक्त की तरह जिन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए
बदलते वक्त की तरह जिन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए
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बदलते वक्त की तरह ज़िन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए।
ख्वाब जो आँखों में थे अब हकीकत में नज़र आ जाए,
ज़िन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए।
जो खामोशी लिए सुबह होती रही है अब उस खामोशी को
ज़ुबान मिल जाए,
ज़िन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए।
जो फरियाद दिल में रही है अब वो दुआ बनके सामने आ
जाए,
ज़िन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए।
क्या मांगा था ज़िन्दगी से और क्या पाया है ज़िन्दगी में
हर पल बदलते वक्त की तरह चोट चुभ रही है सीने में
काश सब कुछ हमारे मुताबिक़ हो जाए,
ज़िन्दगी कुछ इस तरह बदल जाए।
