बढ़े चलो
बढ़े चलो
बढ़े चलो
बढ़े चलो
कांटे आए या हो पत्थर
बढ़े चलो
बढ़े चलो
राह न अपनी छोड़ो तुम
आए कितनी भी कठिनाईयाँ
मुख को न मोड़ो तुम
साथ कोइ दे या ना दे
हिम्मत रख ध्यान दे अपने लक्ष्य पर
मत गम कर
साथी छुटे है
फिर आ जाएगे
लक्ष्य है कटिन
वोह चला गया
तो वक़्त फिर कहां से लाएंगे
बढ़े चलो
मत किसी पर आशा रख
मत भीक माँग किसी से
उम्मीद रख अपने आप से
मत घबरा
मत डर
बस बढ़े चलो
बढ़े चलो
बस भरोसा ईश्वर पर रख
मीठी बोली बोल
बढ़े चलो
बढ़े चलो
जब तक है शरीर मे जान
तब तक आगे बढ़े चलो
बढ़े चलो।