बड़ी बेबस कहानी....
बड़ी बेबस कहानी....
बड़ी बेबस कहानी है, नारी तेरे जीवन की,
न तू कुछ त्याग सकती हैं, न कुछ भी ले सकती है,
यह परिवार तेरा है, यह घर बार तेरा है,
यहीं जीना भी तुझको है, यहीं मरना भी तुझको है।
तू अपनी बेबसी को लोगों से कुछ कह नहीं सकती,
तू अबला हो नहीं सकती, तू निर्बल हो नहीं सकती,
तेरे ही कारनामों ने नए इतिहास लिखे हैं,
तू सबला है,तू शक्ति है,तू मीरा की भक्ति है।
बड़ी बेबस कहानी है…….।
तूने जो दिया जग को, कोई दे नहीं सकता,
कभी रजिया सुलताना है, कभी झांसी की रानी है,
कभी किरण बेदी बनकर के तूने, दुनिया को मोड़ा है,
कभी धाय माँ बन के तुमने अपना सब कुछ छोड़ा है ।
बड़ी बेबस कहानी है…………।
कौन कहता है फूलन देवी डाकू थी, मवाली थी,
जो उसने सह लिया था आज कोई सह नहीं सकता,
कौन है जिम्मेदार उसकी इस कहानी का,
जो एक किरदार बनकर रह गई दुनिया की नजरों में ।
बड़ी बेबस कहानी है..……..।
यह परिवार ना टूटे, यह घर बार ना टूटे,
जिससे अनगिनत अत्याचारों को सह लिया तूने,
कोमल मेरे एहसास हैं, पर कमजोर नहीं हैं,
पुरुष की शक्ति का ही नाम रखा गया नारी।
बड़ी बेबस कहानी………..।
