बचपन
बचपन
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नादान चाहतों संग बचपन सुहाना है,
थोड़ी-सी ज़िद फिर रूठना मनाना है।
कच्ची-पक्की दोस्ती पक्का याराना है,
परियों के देश एक बार घूम के आना है।
काग़ज की कश्ती बारिश में चलाना है,
भोली शरारतें हैं मासूम-सा बहाना है।
सबसे अलग ये खुशियों का खज़ाना है,
सबसे प्यारा बस बचपन का जमाना है।