बातों के हवाले
बातों के हवाले
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सब कुछ लिखा हुआ था
तेरे नजरों के सामने था
जिन्दादिली थी दिल में
फ़िर भी मरा हुआ था।
उस चाँदनी की ज़द में वो
खुद को भुला चुका था
नफ़रत की सीढ़ी पर वो
खुद को चढ़ा चुका था।
करते भी तो क्या हम
इन बातों के हवाले
वो तो सभी के दिल का
अब घाव बन चुका था।
