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बाकी है!

बाकी है!

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आँखों में सपने सपनों में मंज़िल की चाह बाकी है।
खामोश थी जो जुबान उसके अल्फ़ाज़ बाकी हैं।
बस ठहरे हुए पल का फिर से चल देने का इंतजार बाकी है।
कुछ खाली हुई जगह फिर से भर जाने की उम्मीद बाकी है।
हर पल नये दिन की नयी शुरुआत बाकी है।

 

 


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