अनुराधा कुमारी
अनुराधा कुमारी
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इश्क में बीते रात हो रब्बा,
इश्क में बीते रात।
रात दीवानी तू मस्तानी
बन ना जाये कोई कहानी।
रात मिलन की बात हो रब्बा
इश्क में बिते रात हो रब्बा
इश्क में बीते रात।
इश्क इश्क है, उम्र फिक्स नहीं
हर किसी को अपनाता है।
बेरहम इश्क अजीब सी नैना लुभाता है
इश्क सोने नहीं देता रात भर जगाता है।
इश्क मोहब्बत ,इश्क इशारा
इसमें डूबा गोपाल भी हमारा।
इश्क दुआ है ,इश्क सजा है
इश्क है सबकी जान हो रब्बा।
इश्क में बीते रात हो रब्बा
इश्क में बीते रात ।
