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khushbu purohit

Others

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अल्फाज़

अल्फाज़

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कुछ ख़ामोश अल्फाज़ो को बह जाने दो,

किताबों मे जज़्बातो को भर जाने दो,

पतझड़ का भी अपना अलग दौर है,

बिखर के फ़िर उसको संवर जाने दो,

आएगी फ़िर से फिज़ाओ मे खूशबू,

हवाओं को वहां का रुख़ करने तो दो,

लौट के आयेगी लबों पे फ़िर से वो हसीं,

खुद से एक मुलाक़ात होने तो दो।


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