अकेलापन
अकेलापन
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अकेली रात में, जब सब सो रहे होते हैं,
मेरी तन्हाई मुझसे बातें करती होती है।
मैं अपनी तन्हाई से दोस्ती कर लेती हूँ,
और उससे अपना दर्द बाँट लेती हूँ।
जब अकेलापन मुझे घेर लेता है,
तो मैं अपनी तन्हाई से बातें कर लेती हूँ।
वो मेरी सारी बातों को सुनती है,
और मुझे एक नयी उम्मीद की किरण देती है।
अकेली रात में, जब सब सो रहे होते हैं,
मेरी तन्हाई मुझसे बातें करती होती हैं।