STORYMIRROR

वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Others

3  

वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Others

आज रावण करता एक सवाल?

आज रावण करता एक सवाल?

1 min
145

आज रावण करता है एक सवाल?

इस तीनों लोकों में नहीं था मुझ-सा कोई विद्वान ही मुझसा बलशाली,

मैं ही था तीनों लोकों का मैं ही था नाथ,

बस यही तो मुझमें था "वहम",


मैंने बल-छल से सबको छला था,

मैंने यह भी माना कि माना बुराई को मैंने जन्म दिया था

मैंने अपनी प्रखर बुद्धि से, और ताकत पर बहुत घमंड था,

"सीता-हरण" करने पर मुझे हर साल जलाते हो, पर आज तुम सबसे है मेरा एक सवाल?


मेरे कर्म की सजा मिल जाने के बाद भी,

तुम सब मुझे हर साल जलाते हो,

लेकिन मैं आज जलने से पहले तुम सबसे पूछना चाहता हूँ बस एक सवाल?


एक "सीता-हरण" में मुझे हर साल जलाते हो,

पर तुमने कभी ये सोचा है?

आज हर पुरुष के जहन में "हवस" का रावण बसा है,

मानों घर-घर में रावण है,

जो आज भी नन्ही-नन्ही बच्चियों और नारियों को बना रहे है अपनी "हवस" का शिकार,

तुम और तुम्हारा कानून उसे दंड दे कर क्यों नहीं जला देते?


बस एक बार उसे जल दो,

आज से यही रीत तुम सब चला दो,

तो शायद ही कोई मां-बेटी या बहन उन नरपिशाच-नराधम राक्षसों की शिकार नहीं होगी,

छोड़ो सारी बातें मेरी तुम सब

क्योंकि तुम सब ये कर नहीं सकते

पर थोड़े-थोड़े से ही सही तुम सब एक बार "राम" बनकर दिखला दो?


Rate this content
Log in