sapno ka shor
sapno ka shor
महज़ दिल के टूटने से ही अल्फाज़ निकलें, ये हर बार ज़रूरी नहीं।
सपने टूटने का शोर भी दिल के दर्द से कम नहीं होता।
बिखर जाएँ ख्वाब अगर काँच की तरह टूट कर
समेटना उनको बिना चोट खाए आसान नहीं होता।
महज़ दिल के टूटने से ही अल्फाज़ निकलें, ये हर बार ज़रूरी नहीं।
सपने टूटने का शोर भी दिल के दर्द से कम नहीं होता।
बिखर जाएँ ख्वाब अगर काँच की तरह टूट कर
समेटना उनको बिना चोट खाए आसान नहीं होता।