जिंदगी
जिंदगी
एक ओर खुशी की उम्मीद थी
लेकिन दूसरे में निरंतर दुःख,
एक ओर, दर्द भर के आसू
एक और प्यारी सी मुस्कान.!!
एक ओर पैदा होने की खुशी
और मृत्यु का शोक निकट था..!!
वो आहें भरते हुए सिसकने लगी
आंखों के सामने,
मैं पीछे रह गया, बो आगे नीकल गया..!!
मंजिल पाने के लिए जीवन में,
कोशिश करता रह गया,
पीछे से मेरे कदमों को
समाज का जंजीर जकड़ लिया..!
इस इंद्रजाल के लपेट में,
में कहीं खो गया,
ना आगे जा पाया
ना पीछे मूड पाया,
सिर्फ तन्हाई को महसूस किया..!!