एक सपना !
एक सपना !
मै चाहूँ के एक रोज़ कुछ यूँ हो जाये,
आसमान पर बिछि हो नीले रंग की चादर।
उस चादर पर तारों से की गई कारीगरी,
एक सुन्दर चित्र की तरह नज़रो मे उतर जाये।
धरा को मै सजा दूँ सेज की तरह,
तेरे कंधे को बना कर सिराहना,
दिल मेरा खुशी से भर जाये।
तेरे बाहों की ओढ़ कर चादर,
तुझ मे इस कदर हम समा जाये,
जैसे दो आत्मा मिल कर एक हो जाये।
उस दिन मेरा प्यार पूरा होगा
मेरा ये सुन्दर ख्वाब पूरा होगा !