I'm Pritam and I love to read StoryMirror contents.
पर गगन औ ज़मीं उसको अनदेखा करती मालिक नहीं आख़िर मजदूर होता हैं वो। पर गगन औ ज़मीं उसको अनदेखा करती मालिक नहीं आख़िर मजदूर होता हैं वो।
आ बैठ जा सब छोड़ के तीरे नदी पर तुम की सबकों यहीं पर आना है दुनियाँ में दोस्तों। आ बैठ जा सब छोड़ के तीरे नदी पर तुम की सबकों यहीं पर आना है दुनियाँ में दोस्तो...
गालों पर सबके प्यार गुलाल अबीर और रंग हो। गालों पर सबके प्यार गुलाल अबीर और रंग हो।
ये पर्व हैं प्यार और उन्नति का बोली जुआ में ना बरबाद करो। ये पर्व हैं प्यार और उन्नति का बोली जुआ में ना बरबाद करो।
ईर्ष्या द्वेष नफ़रत को मिटाकर प्रेम सद्भावना लाता हैं होली। ईर्ष्या द्वेष नफ़रत को मिटाकर प्रेम सद्भावना लाता हैं होली।