धोखे से कैद कर लिया है मुझे यहां, तेरे विचारो में, तेरे रिवाज़ों में, तेरी शिकायतों में, तेरी उम्मीदों में, इन सांसो का बोझ मैं नहीं उठा पाऊंगा, मैं आज़ाद था, मुझे आज़ाद ही रहने दो!
यह प्यार कविता इश्क़ और समंदर की समानता दर्शाता है। यह प्यार कविता इश्क़ और समंदर की समानता दर्शाता है।
यह कविता प्रेमी के हृदय की आवाज़ है। यह कविता प्रेमी के हृदय की आवाज़ है।
आहत की आवाज़। आहत की आवाज़।
मैं ही यहां का राजा हूँ, खुद ही का मैं कैदी हूँ, यही दुनियां है मेरी, हर दिन बनाता हूँ, हर दिन मिटा... मैं ही यहां का राजा हूँ, खुद ही का मैं कैदी हूँ, यही दुनियां है मेरी, हर दिन बन...