धोखे से कैद कर लिया है मुझे यहां, तेरे विचारो में, तेरे रिवाज़ों में, तेरी शिकायतों में, तेरी उम्मीदों में, इन सांसो का बोझ मैं नहीं उठा पाऊंगा, मैं आज़ाद था, मुझे आज़ाद ही रहने दो!