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कामनाएं तभी हमारी पूरी हो जब कर्तव्य बोध न बिसराएं। कामनाएं तभी हमारी पूरी हो जब कर्तव्य बोध न बिसराएं।
क्या बिगड़ा उस हत्यारे का जीवन ले बैठा राज दुलारे का। क्या बिगड़ा उस हत्यारे का जीवन ले बैठा राज दुलारे का।
ज्वलंत प्रश्न बेकार की बात हुए तुम बदलते गए कभी वक्त के साथ ज्वलंत प्रश्न बेकार की बात हुए तुम बदलते गए कभी वक्त के साथ
कभी मां,कभी चाचा कभी दादा सभी रिश्तों की डोर संभाले हैं पिता,भटका जो कोई राह से... कभी मां,कभी चाचा कभी दादा सभी रिश्तों की डोर संभाले हैं पिता,भटका जो कोई ...
बेबसी ही वजह थी दुश्मनी की, वरना फसाद कोई चाहता नहीं था। बेबसी ही वजह थी दुश्मनी की, वरना फसाद कोई चाहता नहीं था।