I'm Shweta and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsउसकी करुण पुकार समय के साथ और कारुण्य होती जा रही थी
Submitted on 26 Apr, 2020 at 16:47 PM
जैसे किसी की भूख मिटाना ठीक समझा। शायद यही है असली “अमीरी“ है ना ?
Submitted on 24 Apr, 2020 at 07:42 AM
अलमारी की सफाई करते करते एक दिन हरे रंग का पुराना कागज़ हाथ लगा ।
Submitted on 21 Apr, 2020 at 13:38 PM
उसका स्वाद हमेशा मुझे उन्हें अपने पास रखता है,उनसे दूर होकर भी।
Submitted on 13 Apr, 2020 at 14:26 PM