I'm Shweta and I love to read StoryMirror contents.
उसकी करुण पुकार समय के साथ और कारुण्य होती जा रही थी उसकी करुण पुकार समय के साथ और कारुण्य होती जा रही थी
जैसे किसी की भूख मिटाना ठीक समझा। शायद यही है असली “अमीरी“ है ना ? जैसे किसी की भूख मिटाना ठीक समझा। शायद यही है असली “अमीरी“ है ना ?
अलमारी की सफाई करते करते एक दिन हरे रंग का पुराना कागज़ हाथ लगा । अलमारी की सफाई करते करते एक दिन हरे रंग का पुराना कागज़ हाथ लगा ।
उसका स्वाद हमेशा मुझे उन्हें अपने पास रखता है,उनसे दूर होकर भी। उसका स्वाद हमेशा मुझे उन्हें अपने पास रखता है,उनसे दूर होकर भी।