I'm Satish and I love to read StoryMirror contents.
चाँद से ये बात करते चीड़, क्या इनसे बड़े हो ।। चाँद से ये बात करते चीड़, क्या इनसे बड़े हो ।।
तंग भी कैसे कैसे हैं, सुख दुख बादल जैसे हैं। तंग भी कैसे कैसे हैं, सुख दुख बादल जैसे हैं।
मेरे मन की अगणित पीड़ा का एक जलसा होने वाला है। मेरे मन की अगणित पीड़ा का एक जलसा होने वाला है।
सुख दुख बादल जैसे हैं आते हैं और जाते हैं। सुख दुख बादल जैसे हैं आते हैं और जाते हैं।