None हिंदी गुरुकुल स्पेन की संस्थापक। शिक्षक, लेखक और पोडकास्टर
मैं चाहती हूँ कि तुम्हारी बातों में मेरा समावेश इतना कोमल हो कि मैं चाहती हूँ कि तुम्हारी बातों में मेरा समावेश इतना कोमल हो कि
प्रत्येक ह्रदय तक, ताकि मिट सके नफ़रत, और जगे प्रेम, विश्वास, समर्पण। प्रत्येक ह्रदय तक, ताकि मिट सके नफ़रत, और जगे प्रेम, विश्वास, समर्पण।
( यह कविता मूलतः स्पेनिश में लिखी थी और मैंने स्वयं इसका अनुवाद किया है।) ( यह कविता मूलतः स्पेनिश में लिखी थी और मैंने स्वयं इसका अनुवाद किया है।)
मेरी पीड़ा का उत्तर हैं तुम्हारी उँगलियों की छुअन, माँ! मेरी पीड़ा का उत्तर हैं तुम्हारी उँगलियों की छुअन, माँ!