कई राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। एक साँझा काव्य संकलन प्रकाशित। स्वतन्त्र लेखन।
प्रायः हर तस्वीर में अपनी माँ से दूर हर बच्चा रोता हुआ नजर आ रहा है। प्रायः हर तस्वीर में अपनी माँ से दूर हर बच्चा रोता हुआ नजर आ रहा है।
मैं कविता पढ़ते हुए प्रेम में रहता हूँ जैसे बरसती हुई बूंदों मेंधरती की महक रहती है। मैं कविता पढ़ते हुए प्रेम में रहता हूँ जैसे बरसती हुई बूंदों मेंधरती की महक रह...
इंसान हूँ पर धन रहित होने से, एक धुंधली सी पहचान हूँ। इंसान हूँ पर धन रहित होने से, एक धुंधली सी पहचान हूँ।
देने वाले मुझे इतना ही हौसला देना कि जब कोई बच्चा मुझे देख कर मुस्काए तो मैं भी मुस्कुरा सकूँ विमुक्... देने वाले मुझे इतना ही हौसला देना कि जब कोई बच्चा मुझे देख कर मुस्काए तो मैं भी ...
मत आना चिड़िया इस हरियाले जंगल में...! मत आना चिड़िया इस हरियाले जंगल में...!