I run my own institute for 10+2 students and also I'm a district trainer in bihar. My poem was published in Nilambara. I'm a member of Aagman. I got award and certificate many times in kavi sammelan.
समझ लेना तू, उम्र ढ़लने लगी है, तेरी बातें सबको, चुभने लगी है।। समझ लेना तू, उम्र ढ़लने लगी है, तेरी बातें सबको, चुभने लगी है।।
महबूब के जाने के बाद दिल उदास हो जाता है महबूब के जाने के बाद दिल उदास हो जाता है
च़िराग दिल में कहीं याद आते हैं बीते लम्हें च़िराग दिल में कहीं याद आते हैं बीते लम्हें
पी कर, सारे गम को मैं, लो हो गई, यूँ खामोश आज! है अफसोस, बस इतना मुझे, तुमसे कछ, कह पाई ना! पी कर, सारे गम को मैं, लो हो गई, यूँ खामोश आज! है अफसोस, बस इतना मुझे, तुमसे कछ,...